WHAT DOES SHIV CHALISA LYRICSL MEAN?

What Does shiv chalisa lyricsl Mean?

What Does shiv chalisa lyricsl Mean?

Blog Article

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

O Lord, Purari, you saved all Deities and mankind by defeating and destroying the demons Tripurasur. You blessed your devotee Bhagirath and he was ready to accomplish his Vow following arduous penance.

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव Shiv chaisa बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

Glory to Girija’s consort Shiva, that's compassionate to your destitute, who usually protects the saintly, the moon on whose forehead sheds its beautiful lustre, As well as in whose ears would be the pendants from the cobra hood.

संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।

श्रावण मास विशेष : शिव shiv chalisa lyricsl बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ

शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

Report this page